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रविवार, 31 जनवरी 2010

लूट लो...!!

लूट लो...!!

जज, "तुमने गहनों की दूकान में चोरी क्यूँ की ?"

चोर, "सर, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है। इन्होने खुद दूकान के बाहर लिख रखा था, लूट लो...लूट लो.... सुनहरा मौक़ा है । लूट लो...!!"

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शनिवार, 30 जनवरी 2010

सबसे पहले क्‍या करोगे?


सबसे पहले क्‍या करोगे?


फाटक बाबू खदेरन से अगर तुम मेरी जगह मालिक बन जाओ और मैं तुम्‍हारी जगह नौकर बन जाऊं तो तुम सबसे पहले क्‍या करोगे ?

खदेरन ने उत्तर दिया, नौकर बदल लूँगा!!!”


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शुक्रवार, 29 जनवरी 2010

तुम्हारी याद में

तुम्हारी याद में

श्रीमती जी बहुत दिनों के बाद मायके से वापस पधारीं थीं।

उनसे मिलने की बेकरारी में श्रीमान जी ऑफिस से जल्दी ही घर भाग आए।

घर आकर वे उनसे बोले, मैं तो तुम्हारी याद में बहुत तड़पा हूं। तुम्हें भी मेरी याद आई क्या?

उन्होंने कहा, हां।

श्रीमान जी ने पूछा, कब?

उनका जवाब था स्टेशन पर जब कुली नहीं मिला तब।

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गुरुवार, 28 जनवरी 2010

दांतों का दर्द

दांतों का दर्द

खुरचन प्रसाद ने फाटक बाबू से पूछा, आपकी श्रीमतीजी के दांतों का दर्द ठीक हुआ कि नहीं ?”

फाटक बाबू ने कहा, हां, डॉक्टर को दिखाते ही ठीक हो गया!

खुरचन प्रसाद ने उत्सुकता से पूछा, अच्छा, कैसे? कौन सी दवा से ?”

फाटक बाबू ने कहा, अरे दवा बगैरह कुछ भी नहीं। डॉक्टर ने बताया कि यह दांतों का दर्द बुढ़ापे की निशानी है। बस उस दिन के बाद से उसने दर्द की शिकायत ही नहीं की!!!

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बुधवार, 27 जनवरी 2010

व्यथा-‍कथा

व्यथा-‍कथा

संचालक, अब फाटक बाबू अपनी व्यथा-‍कथा सुनाएंगे।

फाटक बाबू संचालक से, सर जी एक प्रोबलम हो गई है।

संचालक क्या?

फाटक बाबू, मेरी पत्नी ने मुझे धमकी दी है कि अगर मैं उसके बारे में कुछ भी सुनाया तो वह मुझे छोड़ कर मायके चली जाएगी।

संचालक, अरे, तो फिर आपने क्या सोचा?

फाटक बाबू , सर जी मैं अपनी वाइफ को बहुत मिस करूँगा।

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मंगलवार, 26 जनवरी 2010

किसकी सुने

किसकी सुने ?

मुन्ना भाई, अरे सर्किट! अपुन का दिमाग में कनफ्यूजन घुसेला है रे!!”

सर्किट, - टेंशन नहीं लेने का !... बोलो भाई …. अपुन को बोल …. अपून सौल्व करेगा !!!”

मुन्ना भाई, अरे सर्किट ! चाचा नेहरू ने कहा था कि आलस हमारा दुश्मन है ! ! ….. बरोबर!!”

सर्किट, – “बरोबर!!”

मुन्ना भाई, – “बापू बोला दुश्मनों से भी प्यार करें! बरोबर!!”

सर्किट, – “बरोबर!!”

मुन्नाभाई, अब तू इच बता किसकी सुने ?……!!”

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सोमवार, 25 जनवरी 2010

हिंदी में अनुवाद करें !

Cricket : गोल गुत्तम लकड़ बत्तम दे दनादन भाग-दौड़ धर-पकर प्रतियोगिता !

Tea : सुष्म दुग्ध-जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी !

All Rout Pass : यत्र-तत्र-सर्वत्र गमन आज्ञा पत्र !

Button (in clothes) : अस्त-व्यस्त वस्त्र नियंत्रक यन्त्र !

Mosquito : गुन्जन्हारी मानवरक्तपिपासु जीव !



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रविवार, 24 जनवरी 2010

इतनी बड़ी खुशी !!

इतनी बड़ी खुशी !!

अपनी गांठें ढीली करने

शादी की सातवीं वर्षगांठ पर

ख़ुशी के मारे

श्रीमती के साथ श्रीमानजी

एक बड़े होटल पधारे


पत्नी की नज़र सामने गई

एक फटेहाल आदमी

पेग-पर पेग लगा रहा था

होटल का मंद-मंद प्रकाश

उनको कुछ याद दिला रहा था


पत्नी ने पति से कहा उस टेबुल पर बैठा आदमी

जो शराब के संग जी रहा है ,

जानते हो, इतना क्यों पी रहा है ?


पति ने पूछा, क्यों ?

पत्नी राज़ खोली

और हौले से बोली

दर असल वो मुझसे शादी करना चाहता था।

मेरे लिए ही जीना और मरना चाहता था


आज से ठीक सात बरस पहले

उसने एक रोज़ (Rose) दिया था

इसी रेस्तरां में उसी टेबुल पर

मुझे प्रोपोज़ किया था।


पति ने चकित हो अपनी उत्सुकता ज़ाहिर की

तो पत्नी इठला कर बोली

पर मेरी तो तुमसे शादी हो गयी।

इससे उसका दिल टूट गया।

मुझसे शादी न होने के गम में

शराब के घूंट से वह अपना ग़म सीता है

तब से हर रोज़ इसी रेस्टोरेंट में

शाम को शराब पीता है ।


पति ने गहरी सांस ली और बोला

अच्छा है जी।

ऐसा किसी के साथ हो तो जग को वह जताएगा ही

जब इतनी बड़ी खुशी हो

तो हर इंसान सालों तक मनाएगा ही।

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शनिवार, 23 जनवरी 2010

मौसम है शायराना............

अर्ज़ किया है,

जरा गौर फरमाइयेगा ! अर्ज़ किया है,

"तेरे प्यार में पागल हो गया पीटर....

वाह... वाह... !

तेरे प्यार में पागल हो गया पीटर !

वाह... वाह.... !

तेरे प्यार में पागल हो गया पीटर !
...
...
...
अब हीरो होंडा स्प्लेंडर 80 किलोमीटर प्रति लीटर !!"

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शुक्रवार, 22 जनवरी 2010

कुछ-कुछ होता है.....

लड़का बेकरार होकर बोला: तेरी जुदाई में नींद उड़ती है। धड़कने बढ़ती है। चैन खोता है। जान जाती है। दिल रोता है। क्या करूँ हाय....! कुछ-कुछ होता है......... !!
...
...
...
फिर
...
...
लड़की रुआंसी होकर बोली : डॉक्टर को दिखा लो भैय्या... ! स्वाइन फ्लू भी ऐसे ही होता है....!!

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गुरुवार, 21 जनवरी 2010

बुरी खबर

नौकर : साब ! एक बुरी खबर है !

मालिक : 'हूँ ! जल्दी बोलो.... !'

नौकर : साब ! वो...वो मेम साब वो.... ड्राईवर के साथ भाग गयी..... ।

मालिक : अबे पहले बुरी खबर तो बता.............. !!

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बुधवार, 20 जनवरी 2010

दीर्घायु भव

दीर्घायु भव

फाटक बाबू फटेहाल अवस्था में इधर-उधर भटक रहे थे। तभी उन्हें बुझावन पण्डित व ज्योतिष दिखे। उनकी जान में जान आ गई। दौड़े- दौड़े उनके पास पहुंचे। बोले, पंडित जी मुझे घर व दफ्तर दोनों ही जगह शांति नहीं है। कुछ आशीर्वाद दीजिए।

बुझावन पण्डित व ज्योतिष ने पूछा, क्यूं क्या हुआ? घर में क्या हाल है?

फाटक बाबू ने दुखड़ा सुनाया, क्या बताऊं? पत्नी से घर में रोज़ चक-चक होती रहती है।

जवाब सुन बुझावन पण्डित व ज्योतिष ने पूछा, और फिर ऑफिस में..?

फाटक बाबू ने बताया, आफ़िस में भी चैन नहीं है। वहां सुबह से शाम तक बॉस की बक-बक सुननी पड़ती है।

उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए ज्योतिष ने आशीर्वाद दिया, दीर्घायु भव!!!

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मंगलवार, 19 जनवरी 2010

परिभाषा-7

परिभाषा-7

आशावादी

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ऐसा गंजा

जो बाल उगाने वाला

वो ही तेल खरीदता है

जिसके साथ कंघी फ्री हो !!!

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रविवार, 17 जनवरी 2010

दुआ लेकर क्या करोगे?


दुआ लेकर क्या करोगे?

एक चौराहे पर एक बड़ी सी कार रुकी।

एक भिखारी आ गया पैसा मांगने।

पिछली सीट पर बैठे साहब ने पचास का नोट उसे थमाया।

भिखारी उसे लेकर चलने लगा। बिना कुछ कहे।

साहब ने उसे बुलाया। बोले अरे तुम पैसे लेकर खिसक लिए न कोई मन्नत न दुआ??

भिखारी बोला, आपके पास कोठी है?

साहब, - हां।

भिखारी उसमें ऐसी-वेसी फिट है।

साहब, - हां - है।

भिखारी बहुत बड़े सेठ हो!!

साहब, - तो? ...

भिखारी सब कुछ है ही, एसी कार में घूम ही रहे हो। अब क्या दुआ लेकर आसमान पर बैठोगे ?

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आज का स्पेशल

आज का स्पेशल

एक होटल में उस दिन के मेनू में आज का स्पेशल के नीचे बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था अंगूर-कद्दू सब्जी

फाटक बाबू ने नया आइटम देख सोचा, यह नया डिश है, मज़ेदार होगा, इसे ही ट्राइ किया जाय। उसका ही आर्डर कर दिए। जब परोसा गया तो बहुत ही चाव से खाने बैठे। पर ये क्या ... .... सब्जी में केवल कद्दू ही कद्दू नज़र आ रहे थे। ढूंढने पर भी न अंगूर का पता, न अंगूर का स्वाद। उन्होंने वेटर को बुलाया। पूछा, ये कौन सी सब्जी ले आए?

जी सर कद्दू-अंगूर की सब्जी।

इस में अंगूर डाले हो ।

जी सर

मिल तो नहीं रहा है। किस अनुपात में डाले हो?

फिफ्टी - फिफ्टी ।

मतलब?

पचास कद्दू के संग पचास अंगूर ।

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शनिवार, 16 जनवरी 2010

प्रवीणता

प्रवीणता

पार्टी में सब अपनी-अपनी बीवी की तारीफ कर रहे थे।

कोई खाने की, तो कोई बनाने की, कोई पहनने की तो कोई सजने संवरने की।

एक ने कहा, मेरी बीवी बोलने में इतनी प्रवीण है कि किसी भी टॉपिक पर घंटों बोल सकती है।

फाटक बाबू बोले, मेरी श्रीमतीजी भी बोलने में काफी प्रवीण हैं। वो तो बिना किसी टॉपिक के ही घंटों बोल सकती हैं।

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शुक्रवार, 15 जनवरी 2010

जरा गेस कीजिये ..........

एक औरत थी सपना..... सपना गर्भवती थी। एक दिन वह अपने टाटा नैनो कार में जा रही थी। उसके समान्तर एक और औरत जा रही थी, अपनी कार में। वह भी गर्भवती थी। दूसरी औरत के गर्भ में पल रही बच्ची के पास दैवी शक्ति थी। वह गर्भ से ही भविष्य देख सकती थी। वह जान गयी कि सपना के गर्भ में पल रहा लड़का उसके भविष्य का प्रेमी है। तो बताइये वह लड़की कौन सा गाना गायेगी ?
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अरे....... नैनो में सपना.... सपना में सजना...... सजना पे दिल आ गया......... कि सजना पे दिल आ गया................ !!
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गुरुवार, 14 जनवरी 2010

तरकीब


तरकीब

मुन्ना भाई - ऐ सर्किट । मेरी खोपड़ी में एक सवाल चक्कर मार हेला है इच……

सर्किट – क्या भाई … बोलने का …. अपून जवाब देगा

.

मुन्ना भाई – बीस दारूबाजों को मारूति 800 में घुसान का क्या तरकीब हईच…….?

सर्किट – सिम्पल भाई … मारूति में दारू की एक बोतल रख देने का ….?

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बुधवार, 13 जनवरी 2010

परिभाषा-6

परिभाषा

कॉर्पोरेशन

=

जो सबके लिए है – कर परेशान !!

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